हमीरपुर। सेना में फर्जी प्रमाणपत्रो के जरिये दूसरे जनपदो के लोगो के फर्जी प्रमाणपत्रों की जांच के लिए आज सीबीआई टीम हमीरपुर पहुंची, मौदहा बांध के निरीक्षण भवन मंे उन्होने इस प्रकरण मंे राजस्व विभाग के लेखपाल और अन्य कर्मियों के बयान दर्ज किये। इस बात की शिकायत की गयी थी कि कुरारा विकासखण्ड के विभिन्न गांवो से 18 और हमीरपुर नगर से 16 लोगो के फर्जी निवास प्रमाणपत्र बने है। इसमें नगर पालिका हमीरपुर के 02 सभासदो ने मैनपुरी और इटावा के रहने वाले लोगो के आवास को तस्दीक किया है। जबकि वे लोग मूलतः इस जिले के न तो रहने वाले है और न ही उनकी कोई रिश्तेदारियां है। नगर पालिका के इन दोनो सभासदो के बयान दर्ज कराने के लिए सीबीआई टीम ने तलब किया है। इसमें एक सभासद महिला है जिसके पति ने इन प्रमाणपत्रों को जारी करने में सहयोग किया है। इस प्रकार जिले में तकरीबन 34 आवासीय प्रमाणपत्र जारी किये गये है जो कि पूरी तरह से फर्जी है। इनके जरियें युवको ने नौकरियां हासिल की है। सेना में भर्ती के लिए यह प्रमाणपत्र वर्ष 2015-16 में जारी किये गये थे। इसमें एक एसडीएम भी संलिप्त बताये गये है। हालांकि जिला प्रशासन के अधिकारी इस बारे में कुछ भी बताने से कतरा रहे है। मगर सूत्रो से मिली जानकारी के मुताबिक सेना में नौकरी पाने के लिए फर्जी प्रमाणपत्रों का सहारा लिया गया है। इस बात की पुष्टि सीबीआई ने जांच के दौरान पायी है। यह टीम कल कई अन्य लोगो के भी बयान रिकार्ड करेगी। फर्जी प्रमाणपत्रों के इस मामले को लेकर शहर मे सनसनी है और राजस्व विभाग के कर्मचारियों में दहशत है। इस मामले में कई प्रधानो को भी तलब किया गया है जिसमें नरायनपुर और सौखर के प्रधान शामिल है।
सीबीआई के सामने जाता अधिकारी