प्रतापगढ़।(आरएनएस ) जिले के लालगंज तहसील क्षेत्र के भेभौरा गांव मे हो रही श्रीमदभागवत कथा ज्ञानयज्ञ मे तीसरे दिन रविवार को परीक्षित जन्म वृतांत तथा नारद व्यास संवाद की कथाव्यास द्वारा मार्मिक मीमांशा मे श्रद्धालुओं ने आस्था के गोते लगाये। कथाव्यास प्रयागराज के आचार्य अतुल जी महराज ने कहा कि राजा परीक्षित को मोक्ष का मर्म समझाते हुए भगवान ने जगत को यह संदेश दिया कि मृत्यु भी जीवन की हर प्रक्रिया की तरह शाश्वत सत्य है। उन्होनें कहा कि जीवन जीने की सही कला भगवान के प्रति निःस्वार्थ श्रद्धा तथा आचरण मे पारदर्शिता है। उन्होने कहा कि भगवान समान रूप से भक्त और भक्ति पर कृपा रखा करते है। इसके बावजूद मनुष्य का जीवन पथ जब कभी भी विचलित हुआ करता है, वह दुःखों की अनुभूति करने लगता है। भक्ति व आराधना का तात्पर्य जीवन को सुचिता की गरिमा से सदैव सिंचित बनाये रखना है। आचार्य अतुल जी ने नारद व्यास संवाद के जरिए भी लोगों को जीवन की सुचिता के प्रति कठोर व्रत धारण किये जाने की सीख दी। कथा के संयोजक समाजसेवी पं. कृष्णदत्त मिश्र व रानी मिश्रा ने आचार्य प्रवर का श्रीअभिषेक किया। कथाश्रवण मे श्रद्धालुओं ने आचार्य का व्यासपीठ पर माल्यार्पण कर सम्मान भी किया। कथा के सह-संयोजक दीपक मिश्र ने श्रद्धालुओं को रोली टीका लगाकर स्वागत किया। इस मौके पर विधायक मोना के प्रतिनिधि भगवती प्रसाद तिवारी, चेयरपर्सन प्रतिनिधि संतोष द्विवेदी, मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल, पप्पू तिवारी, छोटेलाल सरोज, प्रकाशचंद्र मिश्र, सुनील मिश्र, डा. शिवमूर्ति शास्त्री, आचार्य राजेश मिश्र, लल्लन मिश्र, हृदय नारायण मिश्र, रवीन्द्र मिश्र आदि रहे।
भगवान भक्त और भक्ति पर सदैव रखते है कृपा- आचार्य अतुल जी