रई।(आरएनएस ) एनएच चैडीकरण के लिए मौजा आलमपुर की भूमि अधिग्रहण की धनराशि आश्वासन देने के बाद भी अब तक अधिकारियो के खातो मे जमा नही की गई और ना ही पीडितो को प्राप्त हुई। जबकि जिला प्रशासन द्वारा लगातार बलपूर्वक भूमि अधिग्रहण के लिए पीडितो को परेशान किया जा रहा है। जिसको देखते हुए सोमवार को फोरलेन सडक प्र्रभावित संघर्ष समिति ने डीएम को ज्ञापन सौपते हुए अधिग्रहण भूमि का मुआवजा दिलाने की मांग की। यदि शीघ्र मुआवजा नही दिया गया तो प्रभावित कृषक अनशन करने को बाध्य होगे साथ ही भूति पर कब्जा करने से रोकेगे। जिसमे जिला प्रशासन द्वारा किए गए किसी भी बल के प्रयोग मे यदि कोई प्रभावित या पीडित हताहत होगा तो उसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
फोरलेन सडक प्रभावित संघर्ष समिति ने डीएम को ज्ञापन देते हुए बताया कि एनएच 25 चैडीकरण मे वर्ष 2005 से लोग भूमि अधिग्रहण के दंश से पीडित है। हम प्रभावितो/पीडितो की भूमि व भवन बिना अधिग्रहण प्रक्रिया किए 2010 मे ध्वस्त कर हमारी भूमि पर कब्जा कर लिया था। 15 जनवरी 2018 को व 2 जनवरी 2019 को उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश के बाद अवार्ड किया गया फिर भी प्रभावितो की भूमि व भवन का प्रतिकर नही दिया गया। जबकि प्रतिकर दिए जाने के संबंध मे पीडितो द्वारा 11 फरवरी 2019, 6 मार्च 2019, 18 अप्रैल 2019, 9 मई 2019, 16 जून 2019 को प्रार्थना पत्र देकर अपनी समस्या से अवगत कराया था मगर जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नही करने के कारण पीडितो द्वारा 18 जून 2019 से क्रमिक व अमरण अनशन प्रारम्भ किया गया था। जिसके फलस्वरूप 19 जून 2019 को कार्यदायी संस्था द्वारा मौजा आलमपुर की भूमि के प्रतिकर अवार्ड की धनराशि सक्षम अधिकारी के खाते मे जमा कराई गई थी तथा पीडितो को आश्वासन दिया गया था कि कालपी खास की भूमि के प्रतिकर अवार्ड की धनराशि 15 दिन के अन्दर सक्षम अधिकारी के खाते मे जमा कर दी जायेगी व वितरित की जायेगी लेकिन 7 माह व्यतीत हो जाने के उपरान्त भी कालपी खास की भूमि की धनराशि ना ही पीडितो को प्राप्त हुई और ना ही सक्षम अधिकारी के खाते मे जमा कराई गई जबकि जिला प्रशासन द्वारा लगातार बलपूर्वक भूमि अधिग्रहण अधिनियमो व शासनादेश 22 अप्रैल 2008 का उल्लंघन कर पीडितो की भूमि पर जबरन कब्जा करवाया जा रहा है। जिला प्रशासन व भा.रा.रा.प्रा. के झूठे आश्वासन से तंग आकर समस्त पीडितो ने 23 जनवरी दिन गुरूवार से क्रमिक अनशन पुनः प्रारम्भ करने की बात कही है। उन्होने यह भी कहा कि क्रमिक अनशन 2 फरवरी 2020 तक चलेगा इसके बाद भी यदि पीडितो की समस्याओ का समाधान नही किया गया तो 3 फरवरी से आमरण अनशन शुरू किया जायेगा। जिसकी सभी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। इस मौके पर डा. बनारसी दास विश्नोई, पूर्व चेयरमैन कमर अहमद, प्रशांत कुमार, लईक अंसारी, अयूब राईन, सैयदनाजिम, सर्वेश कुमार, नरेन्द्र गौतम, एनुल हसन मंसूरी सहित अनेक लोग मौजूद रहे।
फोरलेन सडक प्रभावित संघर्ष समिति ने डीएम को सौपा ज्ञापन