घोरावल (सोनभद्र)। भाजपा सरकार स्वच्छता पर विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिए स्वच्छ भारत अभियान चलाकर लोगों को साफ-सफाई के प्रति जागरूक कर रही है। खुले में शौच मुक्त करने के लिए घर-घर में शौचालय भी बनवा रही है। इसके बाद भी ऐसे तमाम सार्वजनिक जगह है जहां शौचालय के अभाव में लोगों को शौच करने हेतु लोगों को दिक्कते उठानी पड़ती है। जिसका उदाहरण घोरावल तहसील परिसर है।
बताया जाता है कि घोरावल तहसील क्षेत्र करीब 30 से 40 किमी दूर तक फैला हुआ है। तहसील मुख्यालय पर रोजाना सैकडों की संख्या में महिला, पुरुष अपनी फरियादों को लेकर उपस्थित होते रहते हैं। इसी परिसर में सीओ, चकबन्दी व सब रजिस्टार कार्यालय भी स्थापित है। फरियादियों और अधिवक्ताओं के लिए बने मूत्रालय व शौचालय पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है।जो कुछ उपलब्ध है भी वहां गन्दगी व घास फूस का साम्राज्य व्याप्त है।यही नही तहसील भवन में बने महिला शौचालय की भी दशा काफी दयनीय है। इसमें साफ-सफाई की व्यवस्था नही है। यहीं नहीं यह बन्द भी रहता है। लोगों का कहना है कि आखिर स्वच्छता अभियान को पलीता लगाने वाले इन मूत्रालयों व शौचालयों पर जिम्मेदारों की निगाहें क्यों नही पड़ती यह जांच का विषय है। पुरुषों व महिलाओं को इन विशेष परिस्थियों में किसी आड़ या झाड़ी का सहारा ही लेना पड़ता है। तहसील के कई अधिवक्ताओं व समाजसेवियों ने इस दुर्व्यवस्था को लेकर कड़ा एतराज जताया है।
स्वच्छता अभियान पर लगा ग्रहण