अयोध्या । गुरुवार को 2019 के आखिरी सूर्यग्रहण के बाद धार्मिक नगरी अयोध्या में आस्था का ज्वार उमड़ पड़ा ,जहां एक तरफ अयोध्या के सरयू तट संत तुलसी दास घाट से लेकर शहर के किनारे स्थित गुप्तार घाट तक स्नान ध्यान पूजन का सिलसिला जारी रहा | वहीँ मंदिरों में जप तप का कार्यक्रम चलता रहा | सूर्य ग्रहण का प्रभाव भगवान भास्कर पर पड़ता है इसलिए वर्ष 2019 के अंतिम सूर्यग्रहण के दौरान अयोध्या के सिद्धपीठ नाका हनुमानगढ़ी में वैदिक मंत्रों के बीच अनुष्ठान किया गया इसके साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ भी हुआ।भगवान भास्कर की पीड़ा को कम करने के लिए महंत रामदास के नेतृत्व में ब्राह्मणों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया।
हिन्दू धर्म की मान्यता और शास्त्रों के अनुसार राहु केतु ग्रहण के दौरान भगवान भास्कर को पीड़ा पहुंचाते हैं | जिसके लिए अयोध्या की कई मंदिरों व सरयू के किनारे भी जगह-जगह अनुष्ठान किए गए।उसी कड़ी में नाका हनुमानगढ़ी में भी भगवान भास्कर की पीड़ा को कम करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ व हवन पूजन हुआ। इसके साथ ही अनुष्ठान के बाद भगवान के विग्रह को चरणामृत से स्नान करवाया गया और फिर उन्हें नए वस्त्र पहनाए गए। ग्रहण के दौरान भगवान भास्कर की पीड़ा के साथ-साथ प्राणियों को भी इसका असर पहुंचता है जिसके लिए राम नाम जप व हनुमान चालीसा का पाठ सूर्य स्त्रोत भी महत्वपूर्ण माना जाता है। मोक्ष के बाद लोगों ने सरयू में स्नान के दान पुण्य किया। इस तरह के धार्मिक आयोजन धार्मिक नगरी के अन्य मंदिरों में भी किये गये हैं।