खुटार। क्षेत्र के गांव बेला में रहने वाले 55 वर्षीय ओमप्रकाश एक पैर से विकलांग थे। उनके पास 5 बीघा जमीन थी। जिस पर उन्होंने करीब 10 साल पहले उत्तर प्रदेश बड़ौदा ग्रामीण बैंक जोगराजपुर से करीब 80 हजार रूपये का लोन लिया था। परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत न होने की वजह से ओमप्रकाश बैंक से लिया गया। लोन जमा नहीं कर पाए। इसी बीच सरकार द्वारा ऋण माफी योजना चलाई गई। लेकिन लोन ऋण माफी योजना के तहत आने के बाद भी बैंक कर्मचारियों ने सुविधा शुल्क न मिलने की वजह से उनका नाम ऋण माफी योजना में शामिल नहीं किया। परिजनों का आरोप है कि ऋण माफी योजना में नाम शामिल न होने की वजह से बड़ौदा ग्रामीण बैंक के मैनेजर और फील्ड ऑफिसर आएदिन उसके घर पर आकर लोन की वसूली के लिए ओमप्रकाश को डराते धमकाते रहते थे। ओमप्रकाश की पत्नी की माने तो 2 दिन पहले भी बैंक के कर्मचारी उनके घर आए थे। उन्होंने ऋण जमा न करने पर जेल भेजने की धमकी दी थी। जिससे ओमप्रकाश सदमे में आ गए और बीती रात उनकी सदमे की वजह से मौत हो गई। परिजनों ने बैंक कर्मचारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
किसान की हार्टअटैक से मौत