उ0प्र0 के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने लोक निर्माण विभाग/सेतु निगम के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि चाणक्य साफ्टवेयर के संचालन के बारे में सभी सहायक अभियन्ताओं व अवर अभियन्ताओं को प्रशिक्षण शीघ्र से शीघ्र दिलाने के निर्देश दिये हैं। उन्होने कहा है कि यह प्रशिक्षण मण्डलवार रोस्टर बनाकर दिया जाय। उन्होने कहा कि इससे लोक निर्माण विभाग के कार्यों में गति आयेगी। उन्होने कहा कि चाणक्य साफ्टवेयर के संचालन में केवल कम्प्यूटर आपरेटरों के सहारे न रहा जाय। इस सम्बन्ध में श्री मौर्य ने विभागाध्यक्ष, लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिये हैं कि इस कार्य को तत्परता के साथ शीघ्र कराया जाना सुनिश्चित किया जाय।
ज्ञातव्य है कि लोक निर्माण विभाग का बजट, पंजीकरण, ई-एम0बी0, ई-बिलिंग, ई-डिमान्ड, ई-एलाटमेन्ट, ई-माॅनीटरिंग, ई-मैनेजमेन्ट तथा चाणक्य साफ्टवेयर के माध्यम से आनलाइन किया जा रहा है तथा निगरानी ऐप के माध्यम से कोई भी नागरिक किसी भी जगह का गड्ढ़ा, क्षतिग्रस्त मार्ग, पुलिया आदि का फोटो अपने मोबाइल से भेजेगा, तो वह निगरानी ऐप पर दर्शित हो जाता है।
उपमुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये हैं कि लोक निर्माण विभाग के हेल्पलाईन/टोल फ्री नम्बर पर आने वाली शिकायतों/सुझावों को गम्भीरता से लिया जाय तथा प्राप्त प्रकरणों की गहन समीक्षा की जाय तथा आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। उन्होने निर्देशित किया कि सिंगल यूज वेस्ट प्लास्टिक का उपयोग करके सड़कों के निर्माण को बढ़ावा दिया जाय। इससे सड़कें और ज्यादा मजबूत होंगी तथा पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन में सरकार के प्रयासों में मदद मिलेगी।
श्री मौर्य ने निर्देश दिये कि लोक निर्माण विभाग की सभी सड़कों पर उच्च क्वालिटी के बड़े साइन बोर्ड लगवायें जांय ताकि यह पता रहे कि उक्त सड़क लोक निर्माण विभाग की ही है और इन बोर्डों पर सम्बन्धित क्षेत्र के अधिशासी अभियन्ता, सहायक अभियन्ताओं व अवर अभियन्ताओं के माबाईल नम्बर अंकित करने के साथ ही लोक निर्माण विभाग की हेल्पलाइन/टोल फ्री नम्बर लिखवाया जाय ताकि यदि किसी रोड पर गड्ढ़े हैं या कार्य गुणवत्तापरक नहीं हो रहा हो तो आम जनता व जनप्रतिनिधि सम्बन्धित को फोन करके वस्तु स्थिति से अवगत करा सकेंगे, इससे कार्याें में सुधार होगा तथा पारदर्शिता आयेगी। उपमुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये हैं कि जो बोर्ड लगाये जांय निर्धारित प्रारूप के अनुरूप ही लगाये जांय।
गौरतलब है कि सड़कों के निर्माण में नई तकनीकी का इस्तेमाल किया जा रहा है और वर्ष 18-19 में इस तकनीक के प्रयोग से लोक निर्माण विभाग में रू0 942 करोड़ की धनराशि बचत हुयी है तथा रू0 30 लाख घन मीटर पत्थर की बचत हुयी है और रू0 12 लाख टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आयी है। ग्रामीण मार्गों के नवीन तकनीक से निर्माण में 18 प्रतिशत लागत में कमी आती है तथा प्रति किमी 347 घन मी0 (27 प्रतिशत) पत्थर कम लगता है और प्रति किमी 137 टन कार्बन उत्सर्जन कम होता है, इसी प्रकार ओ0डी0आर0/एम0डी0आर0/ एस0एच0 (प्रति किमी) लागत में 19.5 प्रतिशत की बचत होती है तथा 1105 घन मी0 पत्थर की बचत होती है और 436 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी होती है।
विभागाध्यक्ष लोक निर्माण विभाग श्री आर0सी0 बर्नवाल ने बताया कि प्रदेश में 33 नये राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किये गये हैं। वर्तमान में राष्ट्रीय मार्गों की कुल लम्बाई 11384 किमी हो गयी है। सी0आर0एफ0 में अन्य प्रदेश की सीमा तक जाने वाले महत्वपूर्ण 54 मार्गों हेतु रू0 1339 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गयी है, जिसमें 21 कार्य पूर्ण हो गये हैं और शेष प्रगति पर हैं।
नई तकनीक से सड़कों के निर्माण में रू0 942 करोड़ की की गयी बचत:केशव प्रसाद मौर्य